
शरद पूर्णिमा पर शनिवार को विश्व प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर में विवाद खड़ा हो गया। यहां भगवान को जगमोहन में विराजमान कर सुबह दर्शन कराना था। लेकिन, सुबह के समय श्रृंगार भोग के जो पुजारी थे, उन्होंने ऐसा नहीं किया। पुजारी ने भक्तों के लिए मंदिर के पट ही नहीं खोले। पुजारी ने गर्भगृह में ही भगवान की श्रृंगार आरती कर दी ।इसके बाद श्रृंगार भोग के पुजारी गर्भगृह से बाहर आए। फिर ड्यूटी थी राजभोग के पुजारी की। जब राजभोग के पुजारी मंदिर पहुंचे तो उन्होंने भगवान को जगमोहन में विराजमान कराया। फिर मंदिर का पट भक्तों के लिए खोला। यह सब होने में करीब 45 मिनट लग गए।

मंदिर के पट न खुलने से बाहर करीब एक लाख भक्त 45 मिनट तक खड़े रहे।मथुरा मुंसिफ कोर्ट के आदेशों का नहीं हुआ पालन… शरद पूर्णिमा पर शाम की तरह शनिवार सुबह भी बांके बिहारी जी को गर्भगृह से बाहर जगमोहन में चांदी के सिंहासन पर विराजमान कराना था। चांदी के सिंहासन पर विराजमान भगवान भक्तों को दर्शन देते। मंदिर प्रशासक और मथुरा मुंसिफ कोर्ट ने भक्तों की सुविधा को देखते हुए शुक्रवार को आदेश दिया। बांके बिहारी मंदिर के प्रबंधक मुनीश कुमार ने बताया कि शयन भोग सेवाधिकारी रसिक बिहारी गोस्वामी के प्रार्थना पत्र के बाद मथुरा मुंसिफ ने आदेश दिया है। मुंसिफ ने आदेश में कहा कि श्रद्धालुओं की सुविधा को देखते हुए जिस तरह से साल 2018 से सुबह के समय भी गर्भगृह से बाहर जगमोहन में बांके बिहारी जी विराजमान किए जाते हैं। उसी तरह सुबह भी ठाकुरजी को जगमोहन में विराजमान कर दर्शन कराए जाएं।उन्होंने बताया कि साल 2018 से 2022 तक सुबह की राजभोग सेवा में भी जगमोहन चांदी के सिंहासन पर बांके बिहारी जी श्रद्धालुओं को दर्शन दे रहे थे।आज भी बांके बिहारी को जगमोहन में विराजमानकर श्रृंगार भोग करना था, लेकिन श्रृंगार भोग केपुजारी ने ऐसा नहीं किया। उन्होंने गर्भगृह में पूजा-पाठ किया। फिर चले गए।

इसके बाद राज भोग के पुजारी आए तो उन्होंने भगवान को जगमोहन में विराजमान कराया।शरद पूर्णिमा पर ज्यादा समय दर्शन देते हैं बांके बिहारी, लेकिन इस बार ग्रहणशरद पूर्णिमा पर मंदिर के समय में भी परिवर्तन किया जाता है। प्रशासक सिविल जज जूनियर डिवीजन का आदेश है कि शरद पूर्णिमा पर देश-विदेश से श्रद्धालु आते हैं। उनकी सुविधा को देखते हुए सुबह-शाम दर्शन के लिए एक-एक घंटे का समय बढ़ा दिया जाए। हालांकि इस बार चंद्र ग्रहण है।मंदिर प्रबंधक ने बताया कि आज चंद्र ग्रहण के कारण शरद पूर्णिमा पर मंदिर के समय में बदलाव किया गया है। सूतक लग जाने के कारण मंदिर के पट शनिवार को दोपहर 3.30 बजे शयन आरती कराकर बंद कर दिए जाएंगे। इसके बाद रविवार को सुबह मंदिर के पट खुलेंगे।