
26 अप्रैल को अंतर्राष्ट्रीय वसुंधरा रत्न अलंकरण समारोह एवं विद्वत संगोष्ठी का होगा आयोजन
रिस्पेक्टएज इंटरनेशनल वृद्धजन सम्मान समिति अंतरराष्ट्रीय के तत्वाधान में आगामी 26 अप्रैल को अंतर्राष्ट्रीय वसुंधरा रत्न अलंकरण समारोह एवं विद्वत संगोष्ठी का आयोजन परिक्रमा मार्ग स्थित कृष्ण कृपा धाम पर किया जा रहा है। जिसमें देश के विभिन्न प्रान्तों से आमंत्रित वक्ता गण समाज में लगातार वृद्धजनों की उपेक्षा, तिरस्कार और प्रताड़ना को लेकर व्यापक चर्चा करेंगे और कई अहम प्रस्ताव पारित किए जाएंगे। पारित प्रस्तावों की कॉपी बनाकर शासन-प्रशासन को कार्रवाई के लिए प्रेषित भी किया जाएगा। संस्था के सेवा प्रमुख डॉ गिरीश गुप्ता व कार्यकारी अध्यक्ष डाॅ बीडी अग्रवाल ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में देखने को मिल रहा है कि समाज के अंदर युवा पीढ़ी वृद्धजनों को लेकर लगातार अति असंवेदनशील होती जा रही है। जिससे समाज में न केवल संस्कारों का हनन हो रहा है, अपितु विभिन्न समस्याओं का सामना भी वृद्धजनों को करना पड़ रहा है । उन्होंने बताया कि हमारी समिति का प्रयास होता है रहता है कि समाज में वृद्धजनों सुरक्षित व सुविधाजनक माहौल उपलब्ध कराया जाए। साथ ही वृद्धजनों के मान-सम्मान को भी बरकरार रखने के लिए समय-समय पर लोगों को जागरूक करने के लिए सेमिनार, कार्यशाला, गोष्टी आदि की भी आयोजन किए जाते हैं ।पंडित बिहारीलाल वशिष्ठ व संत रसिया बाबा ने बताया कि 26 अप्रैल को आयोजित संगोष्ठी में माता-पिता, सास-ससुर को वृद्धाश्रम में भेजने से रोकने हेतु सशक्त भूमिका एवं जिम्मेदारी किसकी विषय पर संगोष्ठी होगी । जिसमें संतो की- शास्त्रों की- शिक्षकों की या सरकारों की भूमिका पर चर्चा की जाएगी ।समिति निदेशक दीपक प्रहलाद अग्रवाल व आचार्य बद्रीश ने बताया कि अलंकरण समारोह में गोसेवक स्वामी कृष्णानंद महाराज एवं सद्गुरु रितेश्वर महाराज को वसुंधरा रत्न सम्मान से सम्मानित किया जाएगा। साथ ही समाज में विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट सेवा करने वाले अन्य कई लोग भी सम्मानित होंगे। द्वारका प्रसाद चित्रकार व जुगल किशोर ने बताया कि रिस्पेक्टएज इंटरनेशनल पिछले 60 वर्षों से वृद्धजनों के उचित चिंतन व जागरूकता संबंधी कार्यों का निर्वहन करने के लिए कार्य कर रही है। जिसके अंतर्गत युवा पीढ़ी को अपने दायित्व को निर्वहन करते हुए आदर्श मूल्यों का अनुपालन करने के प्रति भी जागरूक किया जाता है। पं मृदुलकांत शास्त्री व आचार्य रामविलास चतुर्वेदी ने बताया कि वर्तमान कालखंड में समाज और परिवारों में हो रहे विघटन के प्रमुख कारणों पर भी चिंतन-मनन वक्ताओं द्वारा किया जाएगा। ताकि आधुनिक कहे जाने वाले बच्चे विवाह के कुछ समय पश्चात भी अपने वृद्ध माता-पिता को वृद्धाश्रम की ओर भेजने की गलत नीति एवं कार्य से विमुख हो सके। इस अवसर पर गोपेश बाबा, जेसी चौधरी , शुकदेव बाबा, प्रकाश गुप्ता, कर्नल एएम नायडू, राजेश गोयल आदि उपस्थित थे।