
श्रावण के सोमवार को भक्तों ने बनाये 2 लाख 41 हजार पार्थिव शिवलिंग श्रावण संग अधिकमास का संयोग पवित्र फलदायी – देवकीनंदन महाराज वृंदावन । श्रावण-अधिकमास सुसंयोग में सोमवार को शिवभक्तों ने 2 लाख 41 हजार पार्थिव शिवलिंग बनाये । भक्तों ने बिल्वपत्रों पुष्प, दुग्धादि से पार्थिव शिवलिंग रुद्राभिषेक किया । अभिषेक पश्चात शिवलिंगों का विसर्जन किया गया । देवकीनंदन महाराज ने शिवमहापुराण सुनाते हुये कहा कि जो भक्ति करते हैं वह सभी का कल्याण करते हैं । प्रियाकान्तजु मंदिर पर श्रावण मास का महत्व बताते हुये देवकीनंदन महाराज ने कहा कि यह भगवान शिव की अराधना का काल है ।

अधिकमास के संयोग से यह समय और भी पवित्र फलदायी हो गया । इस समय भगवान शिव का चिंतन, पूजन, भजन और अभिषेक, भक्तों को उनकी कृपा प्रदान करते हैं । महाशिवपुराण कथा श्रवण कराते हुये उन्होने कहा कि भगवान विष्णु के भक्त महादेव को अतिप्रिय हैं । जब कन्हैया ब्रज में बाललीला कर रहे थे तो भोलेनाथ भी बाल दर्शन के लिये वृन्दावन में गोपी का रूप धारण करके आ गये थे । देवकीनंदन महाराज ने कहा कि जो भगवान का नहीं होता वह किसी का नहीं होता । जो भगवद् भक्ति करते हैं, वह अपना ही नहीं अपितु सभी का कल्याण करते हैं । भगवान से प्रेम करने वाले किसी का बुरा नहीं करते । इसलिये जो भक्तिपथ पर हैं वह श्रद्धेय हैं, पूजनीय हैं । इससे पूर्व इन्द्रेश मिश्रा, चन्द्रप्रकाश शर्मा, शिवशंकर दिवेदी, विवेक त्रिपाठी आदि आचार्यगणों के साथ शिवभक्तों ने प्रातः रूद्रयज्ञ किया । आयोजन के अष्टम दिन ब्रज की माटी से 2 लाख 41 हजार पार्थिव शिवलिंग बनाये। मोहनी सुरेश चन्द्र गोयल, अचर्ना तिवारी, ममता सतीश गर्ग, प्रेमलता श्रीपाल जिंदल, कुमुदनी सुधीर कुमार वर्मा, मंजु शेराराम भादु आदि शामिल हुये ।