
वृन्दावन ६अक्टू संपूर्ण भारत वर्ष में विख्यात भागवत मूर्ति पुराण आचार्य पंडित श्री श्री नाथ शास्त्री के जन्म शताब्दी महोत्सव में आज प्रातः काल ब्रज के सांस्कृतिक कार्यक्रम की मन मोहक प्रस्तुति हुई जिसमें सर्व प्रथम मयूर नृत्य हुआ। भगवान श्री कृष्ण जब मोर बन कर मोरकुटी पर राधारानी की इच्छा पूरी करने को आए तब युगल सरकार ने कई मोरों के साथ नृत्य किया। इसके बाद मुखराई गांव का प्राचीन नृत्य चरकुला हुआ जिसमें दो गोपियों ने सिर पर १०८ दीपक रखकर बीन और नगारे की धुन पर नृत्य किया। दर्शक उस समय अपने आप को नृत्य करने से नहीं रोक पाए जब मंच पर शुरू हुई फूलों ब बरसाने की लठामार होली। गीत बज रहा था आज ब्रज में होरी re रसिया। कार्यक्रम के अंत में ओमप्रकाश डांगुर ने कई पशु ब। पक्छियो की आवाज निकाल कर सभी को खूब हंसाया। दानी शर्मा ब पंकज खंडेलवाल केनिर्देशन में हुए कार्यक्रम को लोगों ने सराहा। अनुराग कृष्ण शास्त्री ने श्रीमती विनीता शर्मा के साथ ठाकुर जी कीआरती की ब कलाकारों का सम्मान किया। जहां एक ओर हरे कृष्णा आर्किड में सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए वहीं दूसरी ओर वैदिक सन्निवेश गौ शाला में भागवत जी का मूल पाठ और हवन -यज्ञ लगातार चल रहे है ।आज की कथा में राजेंद्र दास देवाचार्य जी महाराज ने रुकमणी विवाह प्रसंग का सुंदर वर्णन किया। उन्होंने कहा कि यदि भगवान का कोई भक्त भगवान को अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दें और फिर केवल और केवल उन्हीं को किसी भी रूप में वरण करना चाहे तो भगवान को अपने भक्त की इच्छा पूरी करने को विवश होना पढ़ता है। आप भगवान को अपना भाई , स्वामी, मित्र, पुत्र कुछ भी बनाएं वह सब कुछ बनने को तैयार हैं। कुछ लोगों ने तो हमारे ठाकुर को व्यापार में पार्टनर बना रखा है। कोई बात नहीं प्राणी मात्र को भगवान से कोई भी संबंध बनाना चाहिए।